कोई काम शुरू करने से पहेले, स्वयम से तिन प्रश्न कीजिये,
में ये क्यों कर रहा हु,
इसके परिणाम क्या हो सकते है,
और क्या में सफल होऊंगा.
और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाये,
तभी आगे बढे.
अगर साप ज़हेरिला ना भी हो तो उसे खुदको ज़हरीला दिखाना चाहिए.
शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है,एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है.
जैसे ही भय आपके करीब आये,उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.
कोई व्यक्ति अपने कार्यो से महान होता है,अपने जन्म से नहीं.
जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाए तो वह पूरा जंगल जला देता है,
उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्बाद कर देता है.
फूलो की सुघंद केवल वायु की दिशा में फेलती है,लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.
हमें भुत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए,
ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए,
विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते है.
हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है,
ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो,
यह कड़वा सच है.
वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है,
उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है,
क्योकि सभी दुखो की जड़ लगाव है,
इसलिए खुश रहने की लिए लगाव छोड़ देना चाहिए.
अपमानित होके जीने से अचछा मरना है,
मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है,
लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लता है.
कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठित हो,
ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी.
जब आप किसी काम की शरुआत करे, तो उसफलता से मत डरे और उस काम को ना छोड़े,
जो लोग ईमानदारी से काम करते है वो सबसे प्रसन्न होते है.
सेवक को तब परखे जब वह काम ना कर रहा हो,
रिश्तेदारों को किसी कठिनाई में,
मित्र को संकट में,
और पत्नी को घोर विपत्ति में.
संतुलित दिमाग के जैसी कोई सादगी नहीं है,
संतोष जैसा कोई सुख नहीं है,
लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है,
और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है.
धनवान लोगो के हमेशा अधिक मित्र होते है,
हरेक व्यक्ति धनिक से आकर्षित होता है,
जीवन में धनिक होने के प्रयास करने चाहिए.
लम्बी यात्रा कभी अकेले नहीं करनी चैहिये.
दूसरो से इर्षा अपनी हार स्वीकार ने के बराबर है,
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